बुधवार, 21 जनवरी 2009

परिणाम - परिणाम स्वतंत्र और क्रमबद्ध है



निर्मल परिणाम हो अथवा कि मलिन परिणाम वह उसके स्वकाल में ही होता है , वह परिणाम के उत्पन्न होने का जन्मक्षण है | वास्तव में जो कुछ भी होता है उसके तुम जानने वाले हो करने वाले नहीं अत: ऐसा कैसे और क्यों होता है ? इसका प्रश्न ही कहाँ है ...!!
पूज्य गुरुदेव श्री कानजी स्वामी

2 टिप्‍पणियां:

seema gupta ने कहा…

वास्तव में जो कुछ भी होता है उसके तुम जानने वाले हो करने वाले नहीं अत: ऐसा कैसे और क्यों होता है ? इसका प्रश्न ही कहाँ है ...!!
" bhut sach khaa ..."

Regards

Alpana Verma ने कहा…

सत्य वचन.गुरु जी को नमन .

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