
जैसे अरिहंत और सिद्ध भगवान् हैं ऐसा ही मैं हूँ , ऐसी दो की समानता शुद्ध-अस्तित्व का विश्वास के जोर है !! प्रभु मेरे तुम सब बातें ही पूरा पर की आस करे क्या प्रीतम ! तू किस बात अधूरा ...!!
सिद्ध भगवान् जानने वाले देखने वाले हैं ऐसे ही तुम भी जानने वाले देखने वाले हो ! पूरे अधूरे का प्रश्न ही कहाँ है ! अपने जानने वाले देखने वाले स्वरुप से खिसक कर जो तुम कर्तत्व में ही रुक गए हो इसलिए ही सिद्ध भगवान् से अलग हो !
पूज्य गुरुदेव श्री कानजी स्वामी