सोमवार, 12 जनवरी 2009

जिन स्वरूपी प्रभु हो तुम

जो जिनेन्द्र है वैसा ही मैं हूँ ऐसा मनन करो ; अरे.. रे.. रे.. मैं अल्पज्ञ हूँ मेरे में ऐसी कोई ताकत होती होगी ?? ये बात रहने दे भाई !! मैं पूर्ण परमात्मा होने लायक हूँ --- ऐसा भी नहीं किंतु मैं तो पूर्ण परमात्मा अभी ही हूँ ऐसा मनन करो !! आहा .. हां... ! पूज्य गुरुदेव कानजी स्वामी

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