
जैसे अरिहंत और सिद्ध भगवान् हैं ऐसा ही मैं हूँ , ऐसी दो की समानता शुद्ध-अस्तित्व का विश्वास के जोर है !! प्रभु मेरे तुम सब बातें ही पूरा पर की आस करे क्या प्रीतम ! तू किस बात अधूरा ...!!
सिद्ध भगवान् जानने वाले देखने वाले हैं ऐसे ही तुम भी जानने वाले देखने वाले हो ! पूरे अधूरे का प्रश्न ही कहाँ है ! अपने जानने वाले देखने वाले स्वरुप से खिसक कर जो तुम कर्तत्व में ही रुक गए हो इसलिए ही सिद्ध भगवान् से अलग हो !
पूज्य गुरुदेव श्री कानजी स्वामी
6 टिप्पणियां:
बहुत अच्छा।
बहुत बढ़िया,
bahut bhav pooran sunder hai
सिद्ध भगवान् जानने वाले देखने वाले हैं ऐसे ही तुम भी जानने वाले देखने वाले हो ! पूरे अधूरे का प्रश्न ही कहाँ है !
Aapne bahut achchhi shuruaat ki hai...
Regards...
वाह बहुत खूब. आपके ब्लॉग पर आने पर हर बार एक नया अनुभव होता है. आपकी लेखनी यूँ ही जादू बिखेरती रहे.
प्रभु मेरे तुम सब बातें ही पूरा पर की आस करे क्या प्रीतम ! तू किस बात अधूरा ...!!
" wah bhut sundr or sarthk.."
Regards
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